बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । महिला एवं बाल विकास परियोजना आमला में पदस्थ सीडीपीओ चयेन्द्र बुड़ेकर की कार्यप्रणाली और कर्मकाण्ड को लेकर लगातार अखबारों में छपता रहा है! इसके बावजूद वे अपने पद पर यथावत बरकरार हैं। अलग-अलग समय में अलग-अलग अखबारों में आमला परियोजना के भष्ट्राचार, भर्ती घोटाले आदि की खबरें लगातार प्रकाशित हुई है, लेकिन इसके बावजूद भी उनके खिलाफ कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई? पूर्व में तो कलेक्टर की सिफारिश के बावजूद उन्हें नहीं हटाया जाना ही आश्चर्यजनक है! सीडीपीओ चयेन्द्र बुड़ेकर पर जिस तरह के गंभीर आरोप लगते रहे हैं उसे देखते हुए तो उन्हें इस परियोजना से कब का हटा दिया जाना था, लेकिन वह पिछले लगभग दस वर्ष से यथावत बरकरार हैं? कितने कलेक्टर आए और चले गए, कितने ही जिला परियोजना अधिकारी आए और चले गए, लेकिन बुड़ेकर के खिलाफ कभी कोई ऐसी कार्रवाई नहीं हुई जो इस बात का प्रमाण है कि प्रशासनिक सिस्टम और अनियमितताओं के खिलाफ किसी ने कभी गंभीरता से कार्रवाई करने पर ध्यान ही नहीं दिया? वर्तमान कलेक्टर भी बुड़ेकर को लेकर कोई ऐसा कदम नहीं उठा रहे हैं जिससे कि भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री की जीरो टालरेंंस की पॉलिसी फॉलो की जा रही हो। कुल मिलाकर बुड़ेकर सब भर भारी नजर आ  रहा है ! अब इसकी वजह क्या है यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन दबी जुुबान में कई तरह की चर्चाएं भी हैं।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 05 जनवरी 2023